शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय के तत्वाधान में पीएम उषा के तहत "लिंग समावेशन और समानता पहल" के अंतर्गत 'महिला सशक्तिकरण' विषय पर दिनांक 09- 9-2025 से 13- 9 -2025 तक पांच दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डॉक्टर निर्मला उमरे ने किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि यह एक ऐसी कार्यशाला है जो समग्र शिक्षा को बढ़ावा देती है। महिलाओं को वर्तमान में आत्मनिर्भर होना अत्यंत आवश्यक है जिससे वह आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो सके। अतः आर्थिक सशक्तिकरण से ही महिलाओं में विकास संभव हो सकेगा। इन पांच दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से महाविद्यालय के छात्रों में कौशलता का विकास होने की भी बात कही। इसके पश्चात इस कार्यशाला की मुख्य अतिथि गुरप्रीत कौर (जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी राजनांदगांव)द्वारा महिला सशक्तिकरण संबंधी अनेक महत्वपूर्ण जानकारी छात्रों को दी गई। उन्होंने कहा कि जन्म के पहले से ही महिला सशक्तिकरण के बारे में आज सोचना पड़ रहा है। भ्रूण हत्या संबंधी अपराध अत्यधिक मात्रा में हो रहे हैं। बेटियों को आज भी बेटों के समान अधिकार नहीं दिया जाता, परस्पर भेदभाव किया जाता है। दोनों को समान अधिकार व समान पालन -पोषण मिलना चाहिए और दोनों के विकास के साथ-साथ उनके संरक्षण पर भी बल देनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि आप स्वयं का ब्यापार या व्यवसाय कार्य करने के इच्छुक है तो महिला बाल विकास विभाग आप सभी के सपनों को साकार करने का हरसंभव प्रयास करेगी। तत्पश्चात श्री किशोर माहेश्वरी जी(मुख्य वक्ता) ने जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में अनेक महत्वपूर्ण जानकारी छात्राओं को साझा किया। उन्होंने कहा कि आज हर महिला को आत्मनिर्भर होना चाहिए इसके लिए उनमें अनेक प्रकार के कौशल गुणों का विकास आवश्यक माना है। शिक्षा की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि"नारी पढ़ेगी देश बढ़ेगा"। यदि व्यक्ति के अंदर प्रतिभा, क्षमता, जुनून, और रुचि हो तो वह हर कार्य में दक्ष हो सकते हैं। अनेक शासकीय योजनाओं का लाभ उठाने की बात भी कही जिससे आसानी से हम अपनी आजीविका चला सकें और अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें । इस तरह शासकीय योजनाओं को विस्तार से बताते हुए सामर्थ्य और संबल संबंधी योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। अंत में उन्होंने कहा कि हमें एक दूसरे का सम्मान करना, उनके प्रति समान व्यवहार करना जिससे लैंगिक रूढ़ियों और पूर्वाग्रहों को चुनौती मिलती है और एक निष्पक्ष एवं समान समाज का निर्माण होता है। इस कार्यक्रम में सभी प्राध्यापकगण उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन और छात्राओं के स्वल्पाहार के पश्चात कार्यक्रम के समाप्ति की घोषणा की गई।